हमारे बारे में
राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने और इसे आर्थिक रूप से लाभकारी करने के उद्देश्य से कृषकों के जोतों का छोटे-छोटे टुकड़ो को समेकित कर एक बड़ा जोत का स्वरूप देने के साथ हीं कृषि को प्रभावी रूप से आधुनिकीकृत करने के उद्देश्य से बिहार जोतो का समेकन एवं खण्डकरण निवारण अधिनियम 1956 लागू किया गया।
बिहार में चकबंदी कार्य 1972 में प्रारम्भ किया गया। उपलब्ध कार्यबल के अनुसार चरणबद्ध तरीके से प्रथम चरण में पुराने शाहाबाद जिले के 38 अंचल एवं गोपालगंज जिले के एक अंचल कुल मिलाकर 39 अंचलों में चकबंदी योजना सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं।
विदित हो कि राज्य में बिहार विशेष सर्वेक्षण अधिनियम 2011 के अन्तर्गत सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण रूप से आधुनिक तकनीक पर किया जा रहा है। विशेष सर्वेक्षण अधिनियम 2011 के नियम 13 के तहत सर्वेक्षण कार्य समाप्ति के पश्चात् उन क्षेत्रों में चकबंदी कार्य प्रारंभ किया जाना है। सर्वे का अधिकार अभिलेख एवं नक्शा कम्प्यूटराईज्ड प्राप्त होने की स्थिति में यह आवश्यक हो गया है कि वर्तमान में बिहार जोतों का समेकन एवं खण्डकरण निवारण अधिनियम, 1956 के प्रावधानों में संशोधन किया जाय।
दृष्टिकोण
>> चकबंदी से अभिप्रेत है कि रैयतों के भू-खण्डों का एकत्रीकरण।
>> भू-खण्डों के एकत्रीकरण हर खेत में पानी और हर खेत पर आवागमन का साधन।
>> प्रत्येक राजस्व ग्राम में विकास के लिए भू-खण्डों का स्पष्ट चयन।
>> गृह निर्माण के लिए स्पष्ट रूप से क्षेत्रों का परिसीमन।
>> बड़े भू-खण्डों के होने से आद्योगिक विकास की संभावना।
>> आपसी भू-विवादों का प्रारंभिक स्तर पर ही समाप्त होने की संभावना।
>> आधुनिक तकनीक के अनुप्रयोग से मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम एवं समान मानदण्डों पर उसका क्रियान्वयन।